सावन का महीना सभी शिव भक्तों के लिए सबसे बड़े पवित्र महीनों में से एक है। सावन जुलाई के अंत से शुरू होकर अगस्त के मध्य तक चलता है। यह मानसून सत्र का समय होता है। सावन हिंदू कैलेंडर का पाँचवाँ महीना है।
सोमवार को शिव रुद्राभिषेक और पार्थिव पूजन के लिए बहुत से लोग जागेश्वर आते हैं। पार्थिव पूजन के लिए लोग 4 अलग-अलग तरह के शिवलिंग बनाते हैं।
- मिट्टी के शिवलिंग - इसकी पूजा से उम्र, सुख और शांति में वृद्धि होती है|
- चावल के आटे से- परिवार में सुख-समृद्धि एवं संतान का लाभ होकर रोग से रक्षा होती हैं।
- गोबर का शिवलिंग- गाय के गोबर से शिवलिंग का निर्माण कर विधि-विधान से पूजन करने से अंदर के शत्रु भाव का नाश होता है|
- मक्खन के शिवलिंग- धन प्राप्ति के लिए |
पार्थिव पूजन के लिए लोग विभिन्न शहरों और दूर-दराज के गाँवों से आते हैं। कई लोग घर पर भी पार्थिव पूजा करते हैं।
जागेश्वर भगवान शिव पूजा के लिए सबसे अच्छे और महत्वपूर्ण स्थानों में से एक है।
यहीं से शिवलिंग का उद्गम स्थल है और जागेश्वर धाम से ही शिवलिंग पूजा की शुरुआत हुई थी।
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